दुनिया की सबसे लंबी सुरंग ‘अटल सुरंग’ बनकर तैयार, पीएम मोदी करेंगे उद्‌घाटन, जानें रक्षा की दृष्टि से क्यों है खास

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                         दुनिया की सबसे लंबी सुरंग अटल सुरंग
नए साल में खुलेगा Rohtang Tunnel, PM Modi करेंगे उदघाटन | Breaking News -  YouTube

शिमला : हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में मनाली-लेह राजमार्ग पर अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी सुरंग बन कर तैयार हो गई है. सीमा सड़क संगठन (बीआओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को इस बारे में बताया . बीआरओ के मुख्य इंजीनियर ब्रिगेडियर के पी पुरूषोत्तमन ने बताया कि लाहौल स्पीति के रोहतांग में समुद्र तल से 10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित नौ किलोमीटर लंबी अटल सुरंग का आगामी सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा औपचारिक रूप से उद्घाटन किए जाने की संभावना है .

उन्होंने बताया, ‘‘हम 25 सितंबर के बाद कभी भी इसे खोलने के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री संभवत: इस महीने के अंतिम सप्ताह में या अगले महीने के पहले सप्ताह में इसका उद्घाटन करेंगे. '' उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं की गई है, अगले कुछ दिनों में यह मिल जाएगी. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना वायरस संकट के कारण क्या डिजिटल तरीके से इसका उद्घाटन होगा. करीब 3,500 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अटल सुरंग रक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है .

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इससे मनाली और लेह के बीच दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी . साथ ही लाहौल-स्पीति के निवासियों को सर्दियों में इससे बहुत फायदा होगा. उन्होंने बताया कि सुरंग के खुलने से हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति और लेह-लद्दाख के बीच हर मौसम में सुचारू रहने वाला मार्ग मिल जाएगा. सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण छह महीने तक इस हिस्से का देश के शेष भाग से संपर्क टूट जाता है . पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में वर्ष 2000 में इसकी योजना बनी और 2003 में अटल जी रोहतांग टनल की आधारशिला रखी थी. अटल सुरंग के दक्षिणी भाग को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी

अटल सुरंग की खासियत

- मनाली की तरफ से सुरंग तक पहुंचने के लिए स्नो गैलरी है.

- सालोंभर मनाली को कनेक्टिविटी मिलती रहेगी.

- सुरंग के भीतर इमरजेंसी एग्जिट का निर्माण भी किया गया है.

- हर 150 मीटर पर टेलीफोन, हर 60 मीटर पर फायर हायड्रेंट लगाए गए हैं.

- हर 500 मीटर पर इमरजेंसी एग्जिट बनाए गए हैं.

- सुरंग के अंदर वापस मुड़ने के लिए हर 2.2 किमी के बाद टर्निंग है.

- हर 250 मीटर पर सीसीटीवी और हर एक किमी पर एयर क्वालिटी निगरानी सिस्टम है.

- सुरंग के भीतर अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हो सकती है.

- करीब 1,500 ट्रक और 3,000 कारें प्रतिदिन सुरंग का इस्तेमाल कर सकेंगी.




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