ऐसे बढ़ाएं अपने स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप की बैटरी लाइफ
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ऐसे बढ़ाएं अपने स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप की बैटरी लाइफ
क्या आपके स्मार्टफोन, टैबलेट या लैपटॉप की बैटरी बहुत ज्यादा देर तक नहीं चलती? अगर आपका डिवाइस एक साल पुराना है तो जल्द ही पावर का खत्म हो जाना, कमजोर बैटरी लाइफ की ओर इशारा कर रहा है। या तो आप नई बैटरी खरीदने के बारे में सोच सकते हैं या फिर कुछ टिप्स को फॉलो करके बैटरी लाइफ बढ़ा सकते हैं। और ऐसा जरूरी नहीं है कि जब आपको बैटरी को लेकर परेशानी हो तभी इन टिप्स को फॉलो करें। बेहतर नतीजों के लिए पहले दिन से इन टिप्स को काम में लाएं।
बैटरी लाइफ बेहद ही पेंचीदा विषय है। जितने लोग उतने सुझाव, इसलिए हमने अलग-अलग एक्सपर्ट्स द्वारा सुझाए गए बैटरी गाइड्स के दावों का अध्ययन किया। फिर मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों द्वारा दिए गए सुझावों को भी टटोला। आगे जानते हैं कि उन तरीकों के बारे में, जिसके जरिए आप अपने डिवाइस की बैटरी लाइफ बेहतर कर सकते हैं।
आप टिप्स का पालन करें, इससे पहले कुछ फैक्ट्स के बारे में जानना बेहद जरूरी है। हमारे स्मार्टफोन्स, टैबलेट्स और लैपटॉप्स में लिथियम-इयॉन बैटरी का इस्तेमाल होता है। समय के साथ इन बैटरियों की क्षमता कम होती जाती है।
हम नीचे दिए गए सुझावों का पालन करके आप इस प्रोसेस को धीमा कर सकते हैं पर पूरी तरह से रोक नहीं सकते। बैटरी को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वे एक नियिमित चार्ज सायकल्स तक अपनी क्षमता का 80 फीसदी रिटेन कर पाते हैं। यह संख्या ज्यादा बड़ी बैटरी या टैबलेट और लैपटॉप में मिलने वाली महंगी बैटरी के लिए ज्यादा हो सकती है। उदाहरण के तौर पर Apple का दावा है कि iPhone 500 चार्ज सायकल्स तक अपनी क्षमता का 80 फीसदी रिटेन कर लेता है, जबकि iPad और MacBook यह संख्या 1000 है।
अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा,''ये चार्ज सायकल है क्या?'' बैटरी तब एक चार्ज सायकिल पूरी कर लेती है जब आप इसे 100 फीसदी तक चार्ज करें, फिर पूरी तरह से इस्तेमाल कर शून्य पर ला दें। अगर आप इसे सिर्फ 50 फीसदी तक चार्ज करते हैं और फिर उसे पूरी तरह से यूज कर लेते हैं तो हाफ चार्ज सायकल पूरा हुआ। वैसे वास्तविकता में चीजें थोड़ी ज्यादा जटिल हैं, पर शुरुआती समझ के लिए यह जरूरी है। इसका मतलब यह है कि आप बार-बार अपने फोन की बैटरी 90 फीसदी पर पहुंचने के बाद फिर से पूरी तरह से चार्ज करके चार्ज सायकल से बच नहीं सकते हैं। 10 बार ऐसा करने पर चार्ज सायकल पूरा हो जाता है।
बैटरी लाइफ बढ़ाने के नुस्खे
आप भौतिकी शास्त्र (Physics) के नियम तो नहीं बदल सकते, लेकिन आप रेगुलर इस्तेमाल के दौरान बैटरी को होने वाले नुकसान को कम जरूर कर सकते हैं। बस आपको कुछ चीजों को लेकर जागरूक रहना होगा, जैसे कि तापमान और मोबाइल फोन में चार्ज का लेवल। अपनी बैटरी को हेल्दी (स्वस्थ) रखने के लिए आपको इन बातों को ध्यान में रखना होगा।
1. तापमान का रखें ध्यान
तापमान का किसी भी डिवाइस की बैटरी पर बड़ा असर होता है। अगर आप किसी ऐसी जगह पर रहते हैं जहां का तापमान अक्सर 35 डिग्री से ज्यादा हो या फिर शून्य से नीचे, यहां पर बैटरी की क्षमता तेजी से कम होगी। अगर संभव हो तो फोन या टैबलेट को सीधी धूप और जमा देने वाली सर्दी से बचाना चाहिए। वैसे ज्यादा गर्मी बैटरी क्षमता के लिए कड़ाके की सर्दी से ज्यादा हानिकारक है, लेकिन दोनों ही नुकसानदेह हैं। बैटरी यूनिवर्सिटी ने बैटरी की लाइफ बढ़ाने के लिए बेहतरीन गाइड दिया है, जिसके जरिए तापमान का बैटरी की क्षमता पर होने वाले असर के बारे में जान सकते हैं।
2. पार्शियल डिस्चार्ज बनाम फुल डिस्चार्ज
वैसे अब तक आपको कई बार फोन को पूरी तरह से डिस्चार्ज होने के बाद चार्ज में लगाने का सुझाव मिल चुका होगा, पर हकीकत यही है कि पार्शियल डिस्चार्ज सायकल्स कई मायनों में फुल डिस्चार्ज सायकल्स से बेहतर होते हैं। वैसे सभी लिथियम-इयॉन बैटरी में ऐसे देखने को नहीं मिलता, पर बैटरी को 40-80 प्रतिशत की सीमा में चार्ज रखना आम तौर पर उपयोगी होता है। इसका मतलब है कि जैसे ही आपके फोन की बैटरी 40 फीसदी पर पहुंचे उसे चार्ज में लगा दें और 80 फीसदी पूरा होते ही चार्ज से हटा लें। वैसे यह अलग-अलग डिवाइस में थोड़ा अलग हो सकता है, इन सबको लेकर सामंजस्य बिठाना होगा। व्यवहारिक उपयोग का भी ध्यान रखना होगा। मान लो कि आप कहीं जा रहे हो और काफी देर तक चार्जर का इस्तेमाल नहीं कर पाओगे, ऐसे में आपको नंबर गेम में फंसने के बजाए अपने फोन को 100 फीसदी तक रिचार्ज करने की जरूरत है।
3. फोन को हमेशा चार्जर में लगे नहीं रहने दें
फोन की बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो गई, फिर भी उसे चार्जर में लगे रहने देना बैटरी लाइफ के लिए नुकसानदेह है। बैटरी यूनिवर्सिटी का कहना है कि ओवरचार्जिंग बैटरी की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। पूरी तरह से चार्ज नहीं करने देने के कुछ फायदे भी हैं, कुछ कंपनियों ने बैटरी लाइफ बढ़ाने के लिए जानबूझकर चार्ज थ्रेशहोल्ड को कम कर दिया है। ली-इयॉन बैटरी ओवरचार्ज नहीं होते, और जब बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो जाए तो उसे चार्जर से हटाना अनिवार्य है। पूरी तरह से चार्ज बैटरी को लगातार चार्ज करने से मेटालिक लिथियम में प्लेटिंग बन जाता है, और यह आपकी सुरक्षा से भी समझौता है।
वैसे यह सलाह स्मार्टफोन्स और खासकर टैबलेट्स के लिए पालन करना आसान है, पर लैपटॉप के लिए व्यवहारिक नहीं है। अगर आप अपने लैपटॉप को लगातार चार्ज में लगे रहने देते हैं, तो लंबे समय में यह आपकी बैटरी को नुकसान पहुंचाएगा। बेहतर होगा कि कभी-कभार आप अपनी बैटरी को 40 फीसदी तक डिस्चार्ज करें। वहीं दूसरी तरफ, जैसे ही बैटरी 100 फीसदी चार्ज हो जाती है फिर उसे डिस्चार्ज करने से चार्ज सायकल का इस्तेमाल हो जाएगा, लंबे समय के बाद यह भी नुकसानदेह है। सबसे अच्छा विकल्प है कि आप व्यवहारिक रहें। कभी-कभार इसे डिस्चार्ज करें, लेकिन आपको अपने यूज का भी ख्याल रखना होगा। मान लीजिए कि आपको किसी मीटिंग में हिस्सा लेना है तो ऐसे वक्त पर बैटरी फूल चार्ज रहे तो बेहतर होगा।
4. अल्ट्रा-फास्ट चार्जर के इस्तेमाल से बचें
कुछ डिवाइस को अल्ट्रा-फास्ट चार्जर का इस्तेमाल करके जल्दी चार्ज किया जा सकता है, पर लंबे समय में यह आपके डिवाइस की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। इस टॉपिक पर बैटरी यूनिवर्सिटी ने अच्छी सलाह दी है, "अगर एक अंडरपावर्ड इंजन एक बड़े वाहन को खींचता है तो उसपर दबाव बहुत ज्यादा होता है और ऐसे में इंजन ज्यादा देर तक नहीं चलेगा।''
5. नकली चार्जर्स का इस्तेमाल नहीं करें
आप सड़क किनारे किसी भी दुकान से मात्र 50 रुपये में नकली चार्जर खरीद सकते हैं। और इसका इस्तेमाल 50,000 रुपये में खरीदे फोन को चार्ज करने के लिए करेंगे, लेकिन हम ऐसा करने का सुझाव बिल्कुल नहीं देंगे। Apple ने तो यह सुनिश्चित करने के लिए उसके कस्टमर्स सिर्फ असली चार्जर का इस्तेमाल करें, एक थर्ड पार्टी चार्जर ट्रेड-इन प्रोग्राम चलाया था।
6. मिडियम-टू लॉन्ग-टर्म स्टोरेज
अगर आप अपने डिवाइस को कुछ समय तक इस्तेमाल नहीं करने वाले तो आपको इसे स्विच ऑफ करने से पहले बैटरी को 50 फीसदी तक रखना चाहिए। या फिर आप किसी लंबे ट्रिप पर जा रहे हैं और अपने फोन को स्टोरेज में रखना चाहते हैं, तो ज्यादातर कंपनियों का सुझाव होता है कि आप डिवाइस को किसी ठंडे जगह पर रखना चाहिए (तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से नीचे हो) और आदर्श तौर पर बैटरी आधी चार्ज हो।
Apple की बैटरी गाइड में लिखा है कि अगर आप अपने डिवाइस को 6 महीने से ज्यादा के लिए इस्तेमाल नहीं करने वाले तो आपको इसे हर 6 महीने में 50 फीसदी चार्ज करें। चाहे आपके पास किसी भी ब्रांड का डिवाइस हो, इस सुझाव का अमल जरूर करें।
अफसोस की बात यह है कि बैटरी की सीमित लाइफ होती है, जिसके बाद यह कमजोर होती जाएगी और इसे रोका नहीं जा सकता। हालांकि, इन आसान सुझावों का पालन करके आप इसे थोड़े ज्यादा समय के लिए इस्तेमाल में रख सकते हैं।
बैटरी लाइफ बेहद ही पेंचीदा विषय है। जितने लोग उतने सुझाव, इसलिए हमने अलग-अलग एक्सपर्ट्स द्वारा सुझाए गए बैटरी गाइड्स के दावों का अध्ययन किया। फिर मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों द्वारा दिए गए सुझावों को भी टटोला। आगे जानते हैं कि उन तरीकों के बारे में, जिसके जरिए आप अपने डिवाइस की बैटरी लाइफ बेहतर कर सकते हैं।
आप टिप्स का पालन करें, इससे पहले कुछ फैक्ट्स के बारे में जानना बेहद जरूरी है। हमारे स्मार्टफोन्स, टैबलेट्स और लैपटॉप्स में लिथियम-इयॉन बैटरी का इस्तेमाल होता है। समय के साथ इन बैटरियों की क्षमता कम होती जाती है।
हम नीचे दिए गए सुझावों का पालन करके आप इस प्रोसेस को धीमा कर सकते हैं पर पूरी तरह से रोक नहीं सकते। बैटरी को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वे एक नियिमित चार्ज सायकल्स तक अपनी क्षमता का 80 फीसदी रिटेन कर पाते हैं। यह संख्या ज्यादा बड़ी बैटरी या टैबलेट और लैपटॉप में मिलने वाली महंगी बैटरी के लिए ज्यादा हो सकती है। उदाहरण के तौर पर Apple का दावा है कि iPhone 500 चार्ज सायकल्स तक अपनी क्षमता का 80 फीसदी रिटेन कर लेता है, जबकि iPad और MacBook यह संख्या 1000 है।
अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा,''ये चार्ज सायकल है क्या?'' बैटरी तब एक चार्ज सायकिल पूरी कर लेती है जब आप इसे 100 फीसदी तक चार्ज करें, फिर पूरी तरह से इस्तेमाल कर शून्य पर ला दें। अगर आप इसे सिर्फ 50 फीसदी तक चार्ज करते हैं और फिर उसे पूरी तरह से यूज कर लेते हैं तो हाफ चार्ज सायकल पूरा हुआ। वैसे वास्तविकता में चीजें थोड़ी ज्यादा जटिल हैं, पर शुरुआती समझ के लिए यह जरूरी है। इसका मतलब यह है कि आप बार-बार अपने फोन की बैटरी 90 फीसदी पर पहुंचने के बाद फिर से पूरी तरह से चार्ज करके चार्ज सायकल से बच नहीं सकते हैं। 10 बार ऐसा करने पर चार्ज सायकल पूरा हो जाता है।
बैटरी लाइफ बढ़ाने के नुस्खे
आप भौतिकी शास्त्र (Physics) के नियम तो नहीं बदल सकते, लेकिन आप रेगुलर इस्तेमाल के दौरान बैटरी को होने वाले नुकसान को कम जरूर कर सकते हैं। बस आपको कुछ चीजों को लेकर जागरूक रहना होगा, जैसे कि तापमान और मोबाइल फोन में चार्ज का लेवल। अपनी बैटरी को हेल्दी (स्वस्थ) रखने के लिए आपको इन बातों को ध्यान में रखना होगा।
1. तापमान का रखें ध्यान
तापमान का किसी भी डिवाइस की बैटरी पर बड़ा असर होता है। अगर आप किसी ऐसी जगह पर रहते हैं जहां का तापमान अक्सर 35 डिग्री से ज्यादा हो या फिर शून्य से नीचे, यहां पर बैटरी की क्षमता तेजी से कम होगी। अगर संभव हो तो फोन या टैबलेट को सीधी धूप और जमा देने वाली सर्दी से बचाना चाहिए। वैसे ज्यादा गर्मी बैटरी क्षमता के लिए कड़ाके की सर्दी से ज्यादा हानिकारक है, लेकिन दोनों ही नुकसानदेह हैं। बैटरी यूनिवर्सिटी ने बैटरी की लाइफ बढ़ाने के लिए बेहतरीन गाइड दिया है, जिसके जरिए तापमान का बैटरी की क्षमता पर होने वाले असर के बारे में जान सकते हैं।
2. पार्शियल डिस्चार्ज बनाम फुल डिस्चार्ज
वैसे अब तक आपको कई बार फोन को पूरी तरह से डिस्चार्ज होने के बाद चार्ज में लगाने का सुझाव मिल चुका होगा, पर हकीकत यही है कि पार्शियल डिस्चार्ज सायकल्स कई मायनों में फुल डिस्चार्ज सायकल्स से बेहतर होते हैं। वैसे सभी लिथियम-इयॉन बैटरी में ऐसे देखने को नहीं मिलता, पर बैटरी को 40-80 प्रतिशत की सीमा में चार्ज रखना आम तौर पर उपयोगी होता है। इसका मतलब है कि जैसे ही आपके फोन की बैटरी 40 फीसदी पर पहुंचे उसे चार्ज में लगा दें और 80 फीसदी पूरा होते ही चार्ज से हटा लें। वैसे यह अलग-अलग डिवाइस में थोड़ा अलग हो सकता है, इन सबको लेकर सामंजस्य बिठाना होगा। व्यवहारिक उपयोग का भी ध्यान रखना होगा। मान लो कि आप कहीं जा रहे हो और काफी देर तक चार्जर का इस्तेमाल नहीं कर पाओगे, ऐसे में आपको नंबर गेम में फंसने के बजाए अपने फोन को 100 फीसदी तक रिचार्ज करने की जरूरत है।
3. फोन को हमेशा चार्जर में लगे नहीं रहने दें
फोन की बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो गई, फिर भी उसे चार्जर में लगे रहने देना बैटरी लाइफ के लिए नुकसानदेह है। बैटरी यूनिवर्सिटी का कहना है कि ओवरचार्जिंग बैटरी की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। पूरी तरह से चार्ज नहीं करने देने के कुछ फायदे भी हैं, कुछ कंपनियों ने बैटरी लाइफ बढ़ाने के लिए जानबूझकर चार्ज थ्रेशहोल्ड को कम कर दिया है। ली-इयॉन बैटरी ओवरचार्ज नहीं होते, और जब बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो जाए तो उसे चार्जर से हटाना अनिवार्य है। पूरी तरह से चार्ज बैटरी को लगातार चार्ज करने से मेटालिक लिथियम में प्लेटिंग बन जाता है, और यह आपकी सुरक्षा से भी समझौता है।
वैसे यह सलाह स्मार्टफोन्स और खासकर टैबलेट्स के लिए पालन करना आसान है, पर लैपटॉप के लिए व्यवहारिक नहीं है। अगर आप अपने लैपटॉप को लगातार चार्ज में लगे रहने देते हैं, तो लंबे समय में यह आपकी बैटरी को नुकसान पहुंचाएगा। बेहतर होगा कि कभी-कभार आप अपनी बैटरी को 40 फीसदी तक डिस्चार्ज करें। वहीं दूसरी तरफ, जैसे ही बैटरी 100 फीसदी चार्ज हो जाती है फिर उसे डिस्चार्ज करने से चार्ज सायकल का इस्तेमाल हो जाएगा, लंबे समय के बाद यह भी नुकसानदेह है। सबसे अच्छा विकल्प है कि आप व्यवहारिक रहें। कभी-कभार इसे डिस्चार्ज करें, लेकिन आपको अपने यूज का भी ख्याल रखना होगा। मान लीजिए कि आपको किसी मीटिंग में हिस्सा लेना है तो ऐसे वक्त पर बैटरी फूल चार्ज रहे तो बेहतर होगा।
4. अल्ट्रा-फास्ट चार्जर के इस्तेमाल से बचें
कुछ डिवाइस को अल्ट्रा-फास्ट चार्जर का इस्तेमाल करके जल्दी चार्ज किया जा सकता है, पर लंबे समय में यह आपके डिवाइस की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। इस टॉपिक पर बैटरी यूनिवर्सिटी ने अच्छी सलाह दी है, "अगर एक अंडरपावर्ड इंजन एक बड़े वाहन को खींचता है तो उसपर दबाव बहुत ज्यादा होता है और ऐसे में इंजन ज्यादा देर तक नहीं चलेगा।''
5. नकली चार्जर्स का इस्तेमाल नहीं करें
आप सड़क किनारे किसी भी दुकान से मात्र 50 रुपये में नकली चार्जर खरीद सकते हैं। और इसका इस्तेमाल 50,000 रुपये में खरीदे फोन को चार्ज करने के लिए करेंगे, लेकिन हम ऐसा करने का सुझाव बिल्कुल नहीं देंगे। Apple ने तो यह सुनिश्चित करने के लिए उसके कस्टमर्स सिर्फ असली चार्जर का इस्तेमाल करें, एक थर्ड पार्टी चार्जर ट्रेड-इन प्रोग्राम चलाया था।
6. मिडियम-टू लॉन्ग-टर्म स्टोरेज
अगर आप अपने डिवाइस को कुछ समय तक इस्तेमाल नहीं करने वाले तो आपको इसे स्विच ऑफ करने से पहले बैटरी को 50 फीसदी तक रखना चाहिए। या फिर आप किसी लंबे ट्रिप पर जा रहे हैं और अपने फोन को स्टोरेज में रखना चाहते हैं, तो ज्यादातर कंपनियों का सुझाव होता है कि आप डिवाइस को किसी ठंडे जगह पर रखना चाहिए (तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से नीचे हो) और आदर्श तौर पर बैटरी आधी चार्ज हो।
Apple की बैटरी गाइड में लिखा है कि अगर आप अपने डिवाइस को 6 महीने से ज्यादा के लिए इस्तेमाल नहीं करने वाले तो आपको इसे हर 6 महीने में 50 फीसदी चार्ज करें। चाहे आपके पास किसी भी ब्रांड का डिवाइस हो, इस सुझाव का अमल जरूर करें।
अफसोस की बात यह है कि बैटरी की सीमित लाइफ होती है, जिसके बाद यह कमजोर होती जाएगी और इसे रोका नहीं जा सकता। हालांकि, इन आसान सुझावों का पालन करके आप इसे थोड़े ज्यादा समय के लिए इस्तेमाल में रख सकते हैं।
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