Just look at the statistics! A new method of fraud has come into the market, fraud is done by creating numbers through an app.
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जरा आंकड़ों पर गौर करें! धोखाधड़ी का एक नया तरीका बाजार में आया है, ऐप के जरिए नंबर बनाकर धोखाधड़ी की जाती है।
साइबर स्कैमर्स ने ठगी करने का एक और नया तरीका अपनाया है। अब ये लोग ऐप का इस्तेमाल करके मोबाइल नंबर जेनरेट कर लोगों को ठग रहे हैं।
सरकार ने साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में साइबर अपराधी भी तकनीकी रूप से सजग हो रहे हैं और नए-नए तरीके अपना रहे हैं। सिम सिम कार्ड की तुलना में अधिक प्रतिबंध लगाने के बाद, हमने अपने नए व्यवसाय की योजना बनाई है। धोखाधड़ी के लिए आवेदनों की संख्या को कम करने के लिए साइबर अपराध ठगी करने के लिए ऐप के जरिए नंबर जेनरेट कर मिलते-जुलते भारतीय नंबरों की मदद ले रहे हैं। इस ठगी को लेकर सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने बताया कि अब साइबर अपराधी ऐप के जरिए मोबाइल नंबर बनाकर ठगी कर रहे हैं। ये नंबर बिल्कुल भारतीय नंबरों जैसे +87, +86, +67, +69, +77, +79 आदि से मिलते-जुलते होते हैं। साइबर अपराधी +87, +86, +67, +69, +77, +79 जैसे नंबरों से कॉल करके लोगों को ठगते हैं। ऐसी कॉल में वो आपको बताते हैं कि आपका पैकेज फंस गया है या आपका मोबाइल 2 घंटे में बंद हो जाएगा या इसी तरह की बातें। अगर आपको ऐसे नंबर से कॉल आए तो सावधान हो जाएं।
'संचार साथी' पोर्टल पर कर सकते हैं शिकायत
टेलीकॉम ऑपरेटर के मुताबिक, ये नंबर एन्क्रिप्टेड होते हैं। ये एप्लीकेशन के जरिए जेनरेट होते हैं। इन्हें खत्म करना संभव नहीं है। भारतीय दूरसंचार विभाग ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी की है कि अगर आपको ऐसा कोई कॉल आए तो उसका जवाब न दें। इसकी शिकायत 'संचार साथी' पोर्टल पर करें।
भारतीय नंबर +91 से शुरू होते हैं
गौरतलब है कि भारतीय मोबाइल नंबर +91 से शुरू होते हैं। +91 भारत का कंट्री कोड है। किसी दूसरे देश से भारत में कॉल करते समय इसका इस्तेमाल किया जाता है। इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) ने साल 1960 में भारत को +91 कोड दिया था। हर देश का अपना कंट्री कोड होता है। उदाहरण के लिए, तुर्की का कोड +90, पाकिस्तान +92, अफगानिस्तान +93 तथा श्रीलंका +94 है।
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